( Uniform Civil Code Kya hai in Hindi 2023 | यूसीसी कानून क्या है | यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे और नुकसान | UCC Uttarakhand | समान नागरिक संहिता | UCC Kanoon in Hindi | क्यों हो रहा विरोध (ucc क्यूं है चर्चे में? )
UCC कानून क्या है 2023: दोस्तों भारत एक सेक्युलर देश है जहां पर सभी धर्म के लोग अपने धर्मों का पालन करते हुए रहते हैं। किंतु कुछ मामलों में कानून को धर्म के हिसाब से बनाया गया है। जिसकी वजह से पहले से यह डिमांड होती रही है कि भारत को वन नेशन वन लॉ (One Nation One Law – Uniform Civil Code) के हिसाब से चलाया जाए। यानी कि पूरे भारत के लिए एक ही कानून बनाया जाए। यह मान दो-चार दिन से नहीं उठी है बल्कि यह मांग जबसे भारत देश आजाद हुआ तब से बारी बारी पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी कही जा रही है सभी सरकारों ने इसे लागू करने की कोशिश भी की है।
आज इसी आर्टिकल के माध्यम से यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है के साथ-साथ यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे क्या है और नुकसान क्या है इसकी जानकारी भी प्राप्त कर सकोगे। इसके अलावा यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी कि यूसीसी पिछले कुछ समय से चर्चा में क्यों है और इसका विरोध क्यों किया जाता है इसकी जानकारी भी अब इसी लेख के माध्यम से मिलने वाली है तो कृपया करके इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

यूसीसी कानून – यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है हिंदी में? (Uniform Civil Code UCC Kya hai in Hindi)
दोस्तों यूनिफॉर्म सिविल कोड को हिंदी में समान नागरिक संहिता बोला जाता है। जिसका अर्थ यह है कि भारत में रहने वाले सभी धर्म के लोगों पर एक ही कानून लागू किया जाए। दोस्तों हम आपको बता देना चाहते हैं कि भारत में मुख्य तौर पर तीन लो काम करते हैं। जिसके नाम नीचे दिए गए हैं।
- Commercial Law
- Criminal Law
- Civil Law
दोस्तों कमर्शियल लॉ और क्रिमिनल लॉ को भारत जब गुलाम था तब अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था। कमर्शियल लॉ के अंतर्गत आप चाहे किसी भी धर्म से है इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता इसी प्रकार क्रिमिनल लॉ के अंतर्गत भी आप किसी भी धर्म से है यदि आपने चोरी किया है या फिर किसी का मर्डर किया है तो यदि आप हिंदू धर्म से है तब भी एक कानून लागू होगा और मुस्लिम धर्म से है तब भी आपको एक ही कानून लागू होगा।
किंतु दोस्तों जब सिविल लॉ की बात आती है तब यह कानून धर्म के हिसाब से अलग-अलग लागू होता है। सिविल लॉ के मुताबिक कई धर्मों के तहत महिलाओं और बच्चियों के साथ अच्छे व्यवहार नहीं किए जाते। उदाहरण के तौर पर हिंदू धर्म में यदि डिवोर्स होता है तो महिला को भत्ता देने का प्रावधान किया गया है। किंतु यदि मुस्लिम समुदाय में डिवोर्स होता है यानी कि तलाक होता है तो उसमें महिलाओं को किसी भी तरह का भत्ता देने का प्रावधान नहीं किया गया। शायद आपको शाहबानो का केस मालूम ही होगा!
Uniform Civil Code Latest News
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लॉ कमीशन को यूसीसी के तहत सुझाव भेजने की अंतिम तिथि को बढ़ाया गया
14th July, 2023: जी हां दोस्तों लो कमीशन द्वारा यूनिफॉर्म सिविल कोड के तहत आम लोगों को राय देने की अंतिम तिथि जो पहले 14 जुलाई थी उसे बढ़ाकर 28 जुलाई कर दी गई है। यदि आप भी अपना सुझाव देना चाहते हैं तो उसकी पूरी प्रक्रिया इस आर्टिकल में आपको मिल जाएगी। वैसे आपको बता देना चाहते हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के अंतर्गत 14 जुलाई तक तकरीबन 50 लाख से ज्यादा लोगों ने अपने सुझाव भेजें है। |
Quick Look – UCC यूनिफॉर्म सिविल कोड 2023
🟠 आर्टिकल का नाम | 🟢 Uniform Civil Code Kya hai |
🟠 UCC Meaning in Hindi | 🟢 समान नागरिक संहिता |
🟠 UCC Full Form in Hindi | 🟢 यूनिफॉर्म सिविल कोड |
🟠 उद्देश्य | 🟢 भारत में सभी लोगो के लिए एकसमान कानून बनाना |
🟠 लाभार्थी | 🟢 भारत देश के नागरिक |
🟠 आधिकारिक वेबसाइट | 🟢 https://legalaffairs.gov.in/ |
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UCC कानून Subject
दोस्तों यूनिफॉर्म सिविल कोड के तो नीचे दिए गए विषयों में बदलाव होंगे।
- शादी (Marriage)
- तलाक (Divorce)
- बच्चें गोद लेना (Child Adoption)
- जायदाद का बटवारा (Property)
यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू होने से क्या बदलाव होंगे?
दोस्तों हम देखते हैं कि हमारे समाज में कई लड़कियों की शादी बहुत कम ही उम्र में की जाती है। इसके अलावा डिवोर्स देने पर फिलहाल हिंदू धर्म में तो महिला को भत्ता देने का नियम लागू कर दिया गया है किंतु मुस्लिम समुदाय में तलाक होने पर महिला को किसी भी तरह का भत्ता नहीं दिया जाता। जिसमें बदलाव आएगा। इसके अलावा देखा जाए तो मुस्लिम समुदाय में बच्चे को गोद लेने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है और पिता की संपत्ति केवल पुत्र को ही दी जाती है बच्चियों को पिता की संपत्ति पर अधिकार नहीं होता ऐसा रिवाज फिलहाल कहीं संप्रदाय में लागू है जिसमें बदलाव लाया जाएगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड भारत के अलावा किन देशों में लागू है
दोस्तों भारत को विविधता में एकता यानी कि सेक्युलर देश माना जाता है। जबकि दूसरे कई सारे देशों में भी एक धर्म के अलावा दूसरे कोई धर्म के लोग रहते हैं जहां पर यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी कि यूसीसी लागू किया जा चुका है जिसकी सूची नीचे दे रखी है।
- अमेरिका
- बांग्लादेश
- इंडोनेशिया
- तुर्की
- मलेशिया
- फ्रांस
- आयरलैंड
- पाकिस्तान
- इजिप्ट आदि
भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड कहां पर लागू है?
दोस्तों वैसे तो जब भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा होती है तब कहीं धर्मगुरुओं द्वारा विरोध जताया जाता है। क्योंकि भारत में सिविल लॉ के अंतर्गत दो भाग बने हुए हैं जिसमें से एक को Hindu Code Bill कहा जाता है जिसके तहत हिंदू, सिख, बौद्ध, और जैन धर्म को सम्मिलित किया गया है।
दूसरा है Muslim Personal Law जिसके तहत मुस्लिम धर्म के लोगो को शामिल किया गया है। इन दोनो लॉ के नियम अलग अलग है। यदि हम भारत की बात करें तो भारत में गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पर Uniform Civil Code लागू किया जा चुका है। जिस गोवा फैमिली लॉ के नाम से भी जाना जाता है। गोवा में यूसीसी को पुर्तगाल सरकार ने 1961 में लागू किया था।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे और नुकसान
यूसीसी कानून के फायदे और नुकसान की जानकारी नीचे दे रखी है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे (UCC Ke Fayde)
- दोस्तों जब यूसीसी कानून भारत में लागू हो जाएगा तो उसके पश्चात लड़कों और लड़की की शादी की आयु फिक्स हो जाएगी उसके पश्चात किसी भी धर्म के लोग अपने लड़के और लड़की की शादी फिक्स की गई आयु से पहले नहीं कर सकेंगे। जिसकी वजह से भारत में बाल विवाह पर रोक लगेगी।
- इसके अलावा जब डिवोर्स की बात आती है तब डिवोर्स होने पर पुरुष को अपनी पत्नी को जीवन निर्वाह हेतु भत्ता देना पड़ेगा। जिसकी वजह से महिलाओं को भी समाज की मुख्यधारा में जीने का अधिकार प्राप्त होगा।
- Uniform Civil Code के लागू होने से कोई भी महिला बच्चों को आसानी से गोद ले सकेगी।
- इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले कुछ भाषणों में बताए गए अनुसार की ऐसा कैसे संभव हो सकता है कि परिवार में एक बच्चे के लिए कोई अलग कानून हो और दूसरे बच्चे के लिए कोई दूसरा कानून हो तो वह परिवार कैसे चल सकता है।
- यानी कि परिवार में बालक और बालिका दोनों के लिए एक समान कानून ही लागू किया जाएगा जिससे लड़कियों के साथ हो रहे भेदभाव पर रोकथाम लगेगी।
- यूसीसी कानून लागू होने से भारत के सभी नागरिकों पर एक समान कानून लागू किया जाएगा किसी भी नागरिकों के साथ धर्म और जाति के अनुरूप बंधन नहीं रहेगा।
- मुस्लिम समुदाय में महिलाओं के साथ हो रहे ट्रिपल तलाक नियम को फॉलो करते हुए यदि कोई भी पकड़ा जाता है तो उन्हें भी सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
- यूनिफॉर्म सिविल कोड जब भारत में लागू किया जाएगा तो हिंदू कोड बिल और मुस्लिम पर्सनल लॉ की अपनी-अपनी मान्यता रद्द की जाएगी।
- समान नागरिक संहिता के अनुसार जिस प्रकार से चोरी या फिर मर्डर के केस में सभी धर्म के लोगों को एक समान सजा दिलाई जाती है उसी प्रकार से शादी, तलाक, बच्चे को गोद लेना और जमीन जायदाद के बंटवारे जैसे मामलों में भी एक समान नियम लागू किए जाएंगे।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के नुकसान (UCC ke Nuksan in Hindi)
- दोस्तों पहली नजर में तो यूनिफॉर्म सिविल कोड के नुकसान वैसे देखा जाए तो कुछ भी नहीं है। क्योंकि समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने से अभी तक जिन समुदाय की महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता था उन्हें अब इन भेदभाव से मुक्ति मिल सकती है तो इसमें यूसीसी के नुकसान भला क्या हो सकते हैं।
भारत के संविधान में Article 44 UCC को लेकर क्या कहता है?
- Indian Constitution Article 44: Uniform Civil Code for the Citizens – The State Shall endeavour to secure for the Citizens a Uniform Civil Code throughout the territory of India. यानी कि दोस्तों इसका हिंदी में यह मतलब होता है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड UCC का क्यों हो रहा है विरोध?
जो लोग भारत में समान नागरिक संहिता यानी की यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू होने के विरोध में है वह यह बताते हैं कि भारत के संविधान में यह भी लिखा है कि भारत के सभी लोगों को अपने धर्मों को मानने का अधिकार है। कहीं लोग ऐसा भी बताते हैं कि यूसीसी लागू होने से स्वतंत्रता के अधिकार को और समानता के अधिकार में बैलेंस कैसे संभव हो पाएगा? इन बातों को लेकर कुछ धर्म के धर्म गुरु अपना विरोध जताते हैं।
यूनिफॉर्म सिविल कोड उत्तराखंड (UCC in Uttarakhand)
भारत की मौजूदा बीजेपी की सरकार वर्ष 2024 के चुनाव से पहले ऐसा लग रहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कर देने वाली है। जिसका पहला चरण उत्तराखंड से शुरू होने वाला है। आपको लेटेस्ट न्यूज़ की जानकारी दे तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बीच 3 जुलाई को बैठक भी हुई थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह कहना है कि हमने यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए एक कमेटी का गठन भी किया है जिसमें राज्य के सभी स्टेकहोल्डर और पब्लिक के साथ इस नियम को लागू करने के लिए बातचीत भी की है। उनका यह कहना है कि जैसे ही ड्राफ्ट तैयार हो जाता है तो हम उत्तराखंड में uniform civil code को लागू कर देंगे।
UCC – यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में अपनी राय ऑनलाइन कैसे दें? (How to Submit your Opinion about UCC?)

- सबसे पहले आपको लीगल अफेयर्स की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- ऊपर दी गई लिंक पर जैसे ही आपकी करेंगे आपकी स्क्रीन पर यूनिफॉर्म सिविल कोड की पब्लिक नोटिस का पेज ओपन हो जाएगा।
- इस पेज पर आपको अपनी सामान्य जानकारी जैसे कि आपका पूरा नाम, मोबाइल नंबर, संस्था का नाम, आपका एड्रेस, राज्य, जिला और पिन कोड दर्ज कर देना है।
- सभी जानकारी दर्ज होने के पश्चात आपको दो ऑप्शन दिखाई देंगे जो नीचे दिए गए हैं।
- Upload Suggestion
- Suggestion in Words
- यदि आप पहले ऑप्शन को चुनते हैं तो आपको अपनी राय की पीडीएफ अपलोड करनी होगी जिसकी साइज 2 एमबी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- यदि आप दूसरे ऑप्शन को सिलेक्ट करते हैं तो आपको कॉमेंट के जरिए अपनी राय देनी होगी।
- सभी जानकारी दर्ज होने के पश्चात आपको Submit के विकल्प पर क्लिक कर देना है।
- इस प्रकार से आप यूसीसी के बारे में अपनी राय ऑनलाइन दे सकते हैं।
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FAQs: UCC – यूनिफॉर्म सिविल कोड 2023
प्रश्न: यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) भारत के किस राज्य में लागू है?
उत्तर: गोवा
प्रश्न: UCC Full Form in Hindi?
उत्तर: यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता)
प्रश्न: यूसीसी के बारे में भारत के संविधान में कोन से आर्टिकल में बताया गया है?
उत्तर: Article 44
प्रश्न: UCC को हिंदी में क्या कहा जाता हैं?
उत्तर: समान नागरिक संहिता
प्रश्न: Uniform Civil Code लागू होने से कोन से नए कायदे बनेंगे?
उत्तर: शादी की उम्र, तलाक के नए नियम, जमीन जायदाद के नियम और बच्चो को गोद लेने के नियमो में बदलाव आएंगे।
प्रश्न: यूसीसी भारत के अलावा कोन से देश में लागू है?
उत्तर: अमेरिका, पाकिस्तान, इजिप्ट, फ्रांस आदि