( PM PRANAM Scheme से किसानों को कैसे होगा फायदा? | पीएम प्रणाम योजना के लाभ एवं विशेषताएं | योजना का उद्देश्य क्या है? | योजना कब शुरू होगी? | सब्सिडी काटने के बाद बचे हुए रुपयों का क्या होगा? )
किसान भाइयों, केंद्र सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरक पर जो सब्सिडी दी जाती है उनके कारण सरकार को हर साल कई सारे रुपए का व्यय होता है। इसलिए केंद्र सरकार एक नई योजना निकालने जा रही है जिसका नाम पीएम प्रणाम योजना (PM PRANAM) है। अगर आप किसानी कार्य करते है और यह जानना चाहते हैं कि केंद्र सरकार की इस योजना से आपको क्या लाभ होने वाला है? तो आप बिल्कुल सही जगह पर सही लेख पढ़ रहे हो। आज हम आपको इस लेख PM PRANAM Scheme के माध्यम से योजना की सभी जानकारी देने जा रहे है। तो हमारे साथ अंत तक बने रहें।
क्यों शुरू की जा रही है PM PRANAM Yojana
किसान भाइयों, जो हमारे पास रासायनिक उर्वरक आता है जिसका उपयोग हम अपनी खेती बाड़ी में करते है उन पर केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी देने के कारण हमें इतना सस्ता पड़ता है। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी देने के बावजूद भी यह किसान भाइयों को महंगा पड़ता है। किन्तु केंद्र सरकार यह सब्सिडी भी बंद कर दे या फिर कम कर दे तो यह उर्वरक किसानों को कितना महंगा पड़ सकता है? तो किसान भाइयों केंद्र सरकार द्वारा PM PRANAM Scheme के माध्यम से रासायनिक उर्वरक पर दी जाने वाली सब्सिडी को कम किया जाने वाला है।
सूत्रों के अनुसार पिछले साल 2021-22 में केंद्र सरकार द्वारा केमिकल फर्टिलाइजर पर 1.62 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई थी। किन्तु इस साल यह आंकड़ा 2.25 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। इसलिए केंद्र सरकार पीएम प्रणाम योजना के माध्यम से इस सब्सिडी को बंद करने जा रही है। जिनके कारण केंद्र सरकार के कई सारे रुपयों की बचत होगी।
सब्सिडी के बचे हुए रुपयों का क्या होगा?
किसान भाइयों केंद्र सरकार द्वारा केमिकल फर्टिलाइजर पर सब्सिडी बंद करके जो पैसा बचता है उनका 50% पैसा राज्यों में बांट दिया जाएगा। उनके पश्चात राज्यों को मिली ग्रांट में से 70% हिस्सा रासायनिक उर्वरक के विकल्प को अपनाने में लगाया जाएगा। मतलब की रासायनिक उर्वरक की जगह पर दूसरा उर्वरक ढूंढने के लिए या फिर उसमें लगते नए नए उपकरण को विकसित करने के लिए लगाया जाएगा।
राज्यों को मिल रही ग्रांट का 30% हिस्सा ग्राम पंचायत को, किसान संगठन समूह को, स्वयं सहायता समूह को और किसानों को रासायनिक उर्वरक का उपयोग ना करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा। केंद्र सरकार का यह मानना है कि सब्सिडी से बची हुई इन राशि का सदुपयोग पीएम प्रणाम योजना से किया जाएगा।
अगर आप उदाहरण के तौर पर समझना चाहते है तो मान लो कि केंद्र सरकार के पास 1 लाख की सब्सिडी की बचत होती है। तो इन 1 लाख में से ₹50000 केंद्र सरकार राज्य को देगी। अब राज्य सरकार 50 हजार में से 70% हिस्सा यानी कि ₹35000 रासायनिक खाद का वैकल्पिक खाद बनाने में उपयोग करेगी। और बाकी बचा हुआ ₹15000 राज्य सरकार किसानों को ग्राम पंचायतों को और किसान संगठन समूह को रासायनिक उर्वरक का उपयोग न करने पर प्रोत्साहित करने के लिए खर्च करेगी।
Important Points Of PM PRANAM Scheme 2023
🟠 योजना का नाम | 🟢 पीएम प्रणाम योजना |
🟠 Full Form of PM PRANAM Yojana | 🟢 Pradhan Mantri Promotion of Alternative Nutrients for Agriculture Management Yojana |
🟠 योजना का उदेश्य | 🟢 रासायनिक खाद पर सब्सिडी को बंद करना और किसानों को वैकल्पिक खाद का विकल्प प्रदान करना |
🟠 राज्यों को मिलने वाली राशि | 🟢 सब्सिडी का 50% हिस्सा |
🟠 राज्य 70% हिस्सा कहां खर्च करेगी | 🟢 वैकल्पिक खाद को विकसित करने में |
🟠 राज्य 30% हिस्सा कहां खर्च करेगी | 🟢 किसान, स्वयं सहायता समूह, किसान संगठन, ग्रामीण पंचायत को प्रोत्साहित करने में |
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किसानों को PM PRANAM Yojana से कैसे फायदा होगा?
किसान भाइयों केंद्र सरकार का यह मानना है कि इन सब्सिडी राशि का जो भी बचाव होता है उनमें से रासायनिक खाद का वैकल्पिक खाद बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य किसान रासायनिक उर्वरक का उपयोग कम से कम करें उस पर जोर देना है। केंद्र सरकार का यह मानना है कि किसान जितना रासायनिक उर्वरक का उपयोग कम करेगा उतना ही उनको फायदा होने वाला है। प्रायोगिक तौर पर देखें तो रासायनिक उर्वरक का उपयोग ना करने से किसानों की भूमि की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है साथ ही साथ रासायनिक खाद का इस्तेमाल ना करने पर किसानों के रुपयों का भी बचाव होगा।
PM PRANAM Yojana के लाभ एवं विशेषताएं
इस योजना के कारण केन्द्र सरकार और देश के किसान दोनों को फायदा होने वाला है जिसका उल्लेख निचे किया गया है।
पीएम प्रणाम योजना से केन्द्र सरकार को होने वाले लाभ
- PM PRANAM Yojana के कारण केन्द्र सरकार रासायनिक उर्वरक पर दी जाने वाली सब्सिडी को बंद करने वाली है।
- इस योजना के कारण केन्द्र सरकार के कई सारे लाख करोड़ रुपयों की बचत होगी।
- केंद्र सरकार का यह कहना है की इन बची हुई राशि का सही इस्तेमाल किया जाएगा।
- रासायनिक खाद की जगह पर उनका वैकल्पिक खाद को विकसित किया जाएगा।
- केन्द्र सरकार ने 1.62 लाख करोड़ रुपयों की सब्सिडी पिछले साल दी थी और इस साल यह आंकड़ा 2.25 लाख करोड़ तक पहुंचेगा। यानी कि पीएम प्रणाम योजना से यह राशी आने वाले समय में बचत हो पाएगी।
योजना से किसानों को मिलने वाले लाभ
- किसानों को रासायनिक खाद की जगह पर दूसरा विकल्प मिलेगा।
- रासायनिक खाद पर किसान जो पैसा खर्च करता है उन से मुक्ति मिल पाएगी।
- किसानों की भूमि की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकेगा।
- रासायनिक खाद की जगह पर दूसरा वैकल्पिक खाद का उपयोग करने से किसान अपने उत्पादनों की मूल्य वृद्धि करके बेच पाएगा।
- किसान की आमदनी में पीएम प्रणाम योजना (PM PRANAM Scheme) से बढ़ोतरी हो सकती है।
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