Cow Dairy: दुग्ध उत्पादन में राज्य को अव्वल नंबर पर लाने के लिए सरकार कई सारे प्रयास कर रही है। ऐसे में सरकार की ओर से गौपालको के लिए कई सारी योजनाएं भी शुरू की गई है। जिसके माध्यम से प्रदेश के गौपालक को आर्थिक सहायता प्रदान की जा सके ताकि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके।
आपको बता देना चाहते हैं की गाय डेयरी की स्थापना पर उत्तर प्रदेश सरकार ने नंद बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का ऐलान कर दिया है। जिसके अंतर्गत गाय पालने वाले पशुपालकों को सरकार 50% सब्सिडी प्रदान करने जा रही है। यदि आप भी गाय डेयरी की स्थापना करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े ताकि आप भी इस योजना का लाभ उठा सके।
योजना का लाभ उठाने के लिए 25 गायों की इकाई लगानी होगी
यूपी के जो भी गौपालक डेयरी इकाई की स्थापना करना चाहते हैं उन्हें कम से कम 25 गायों की इकाई लगानी होगी। तब जाकर उन्हें नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत उत्तर प्रदेश राज्य सरकार 50% सब्सिडी प्रदान करेगी। आपको बता देना चाहते हैं कि जो भी पशुपालक द्वारा 25 दुधारू गायों की इकाई स्थापित की जाएगी उसमें उन्नत नस्ल की गाय होना जरूरी है जैसे कि राजस्थान की थारपारकर, गुजरात की गीर गाय, साहिवाल और गंगातीरी प्रजाति की गाय होना जरूरी है।
तीन चरणों में मिलेगा गौपालको को लाभ
जो भी गौपालक 25 गायों की इकाई स्थापित करेगा उन्हें तीन चरणों में सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। पहले चरण के तहत इकाई की स्थापना करने हेतु 25% का अनुदान मिलेगा उसके पश्चात दूसरे चरण में 25 दुधारू गायों की खरीद के साथ-साथ 3 वर्ष के बीमा और उनका संरक्षण करने हेतु 12.5% अनुदान प्रदान किया जाएगा और तीसरे चरण में बाकी बचा 12.5% अनुदान सरकार की ओर से गौपालकों को दिया जाएगा। सरकार के अनुसार 25 दुधारू गए की इकाई स्थापित करने के लिए लगभग 62.50 लाख रुपए का लागत होता है। जिसमें से 50% सब्सिडी यानी की 31.25 लाख रुपए तक सरकार की ओर से दिए जाएंगे।
यूपी सरकार द्वारा नंद बाबा दुग्ध मिशन योजना के तहत पशुपालकों को लाभ पहुचाया जा रहा है।
इन 10 शहरों के गौपालकों को पहले चरण में मिलेगा लाभ
शुरुआती दौर में उत्तर प्रदेश राज्य के 10 मंडल मुख्यालयों के शहरों को नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का लाभ प्राप्त होने वाला है। इन शहरों के नाम क्रमशः बरेली, मेरठ, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी, लखनऊ, झांसी और आगरा है।
योजना का लाभ उठाने के लिए होनी चाहिए यह पात्रता
जो भी गोपालन करना चाहता है और इस योजना का लाभ उठाना चाहता है उनके पास इकाई की स्थापना के लिए 0.5 एकड़ भूमि होना अनिवार्य है। गायों के रखरखाव हेतु 1.5 एकड़ भूमि में हरा चारा होना अनिवार्य है। यदि किसी के पास अपनी भूमि नहीं है तो वह किसी और की भूमि में भी इस इकाई की स्थापना कर सकता है किंतु इसके लिए उनके पास 7 वर्षों का लीज होना अनिवार्य है। इसके अलावा गायों की टैगिंग और आवेदक के पास तीन वर्ष का गोपालन का अनुभव होना भी जरूरी है।
क्या आपको मालूम है की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वदेशी गौ संवर्धन योजना की भी शुरुआत की जा चुकी है।
योजना में आवेदन कैसे करें?
ऊपर बताए गए 10 शहरों के कोई भी पशुपालक इस योजना का लाभ उठाना चाहता है तो वह अपने नजदीकी पशुपालन विभाग में कांटेक्ट कर आवेदन कर सकता है। सरकार की ओर से शुरुआती दौर में केवल 35 यूनिट की स्थापना के लिए ही मंजूरी प्रदान की जाएगी। यदि अधिक आवेदन सरकार को मिलते हैं तो सरकार इस योजना का लाभ ई लॉटरी के माध्यम से जो भी पशुपालक का चयन होता है उसे सब्सिडी का लाभ प्रदान करेगी।
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यदि आप अपने खेत की चारों ओर फेंसिंग लगाना चाहते है तो आप मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना का लाभ उठा सकते हो।